(1)
मुल्ला नसरुद्दीन से, बोला कमरुद्दीन।
क्या करता है हिंद जब घुस आता है चीन।।
‘घुस आता है चीन?’ जोर से मुल्ला
चीखे,
बुजदिल मिलते नहीं कहीं भी हिंद सरीखे।
प्यार रार को कभी न करते खुल्लमखुल्ला,
बिकट पालिसी रही हिंद की बोले मुल्ला।
(2)
हिंद पुराना मुल्क है रीति नीति
में भेद।
अप्रिय सच का बोलना मना कर गए वेद।।
मना कर गए वेद बोलिए मीठी वानी,
जर जमीन को छोड़ चला जाएगा प्रानी।
बना रहे सम्मान भले ही
लुटे खजाना,
आज लोग हों नये हिंद है मुल्क पुराना।
(3)
जो आया स्वागत किया सब में देखे राम।
जी भर लूटा सभी ने करके कत्लेआम।।
करके कत्लेआम लूट कर
भागे टुच्चे
ले लो
बाकी बहुत हिंद के बोले बच्चे।
लुटा पिटा सौ बार फलसफा नही गँवाया
हो गया मालामाल लूटने जो भी आया।
(4)
रग रग है पहिचानता हिंदुस्ताँ की चीन ।
माल-टाल अब नहीं है बाकी बची जमीन।।
बाकी बची जमीन छीन लो घुड़की देकर,
लाठी जिसके हाथ भैंस वो जाए लेकर।
बुजदिल है यह मुल्क न छोड़े मीठी वानी,
हिंदुस्तानी आन चीन ने
है पहिचानी।
(5)
गांधी बाबा ने किया तिस पर बंटाढार।
सत्य अहिंसा प्रेम का कीन्हा बहुत प्रचार।।
कीन्हा बहुत प्रचार सहन शक्ती भी पाई,
नेहरू ने चीनी अवाम को
माना भाई।
भाई बन कर चीन कर रहा अपना दावा,
हिंदुस्तानी साधे नेहरू गांधी बाबा।
यदुराज
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